हमारे देश के नेता हमसे बड़े बड़े वादेन करते हैं
चुनाव से पेहले देश सुधार के पक्के इरादे करते हैं
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पेहले कहते हैं "रोड, अस्पताल"सब बनवा दूँगा
बिल्डरो से कहते हैं सारी झोंपडिया तूड़वा दूँगा.
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सत्ता के लिए ये नेता लोग ख़ून ख़राबा करते हैं
हमारी माँ का आँचल ये लोग ख़ून से भरते हैं
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हैर जगह आज अच्छे नेताओं की ये टाँग खिचते हैं
चन रूपियो के लीए अपनी मा तक को भी ये बेचते है
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भूखे नंगे लोग तरस जाते हैं एक बूँद पानी को,
ये लोग अंजाम दे देते है फिर एक और नयी कहानी को
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कुछ नही कर सकते हम पर यही देश की सच्चाई है
नेता केहते है "धवल' चुप रेहने मे तेरी अच्छाई है
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मैने तो सिर्फ़ आपको देश की सही तस्वीर दिखाई है
सच को रूबरू करवाने को मैने बस आवाज़ उठाई है
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